









संस्थागत परिचय
हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी
(भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था)
- पंजीकृत कार्यालय : 3675, राजा पार्क, रानी बाग, दिल्ली-110034
- मुख्य कार्यालय : प्लाट 19-20, ब्लॉक-बी5, सेक्टर-7, रोहिणी, दिल्ली -110085
- फोन नंबर : 09873556781, 09968097816
- ईमेल :hindustanibhashaakadami@gmail.com
- website : www.hindustanibhashaakadami.com
1. ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार को समर्पित एक स्ववित्तपोषित संस्था है । हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं, उपभाषाओं एवं क्षेत्रिय बोलियों के संरक्षण और उन्नयन के उद्देश्य से वर्ष 2015 में अकादमी की स्थापना की गई । अपने स्थापना काल से ही अकादमी जमीनी स्तर पर उद्देश्यपरक कार्य कर रही है । अकादमी साहित्य, कला, शिक्षा और भाषा के क्षेत्र में सतत् रूप से सक्रिय है ।
2. अकादमी पिछले आठ वर्षों से एक त्रैमासिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ का नियमित प्रकाशन करती आ रही है, जो विशुद्ध रूप से भाषाओं पर केंद्रित है । पत्रिका के स्थायी स्तम्भ ‘साक्षात्कार’ में वरिष्ठ साहित्यकारों, पत्रकारों, भाषाविदों, शिक्षाविदों, सरकारी कार्यालयों के उच्चाधिकारियों, प्रशासनिक सेवा अधिकारीयों, विभिन्न देशों के राजनयिकों आदि के भाषा पर केंद्रित साक्षात्कारों को सम्मिलित किया जाता है । इसी तरह ‘लोक भाषाओं का चमत्कार’ स्तम्भ में किसी एक भारतीय भाषा/उपभाषा एवं बोलियों पर केंद्रित लेखों को सम्मिलित किया जाता है जिसे विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया जाता है। अब तक बुंदेली, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी, कुमाऊंनी, भोजपुरी, पंजाबी, अवधि, नेपाली, मैथिली, डोगरी, संस्कृत, पूर्वोत्तर, संथाली, तमिल, कश्मीरी, मालवी, बघेली, हरियाणवी, बंगाली, कोंकड़ी, पवारी, गुजराती एवं तेलुगु भाषाओं के विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं । ‘युवा मत’ स्तम्भ में देश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत शोधार्थियों एवं युवा लेखकों के भाषा पर केंद्रित शोधपरक लेखों को सम्मिलित किया जाता है । साहित्यिक जगत में पत्रिका को सराहा जा रहा है साथ ही विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, सरकारी संस्थानों के पुस्कालयों एवं अन्य सरकारी पुस्तकालयों में सन्दर्भ पत्रिका के रूप में संग्रह किया जाता है ।
3. विद्यालयी स्तर पर भारतीय भाषाओं के संरक्षण को गति देने के उद्देश्य से 5 फरवरी, 2018 को आकदमी ने एक ‘शिक्षक प्रकोष्ठ’ का गठन भी किया है, जिसमें भारतीय भाषाओं के 800 से अधिक शिक्षक जुड़े हुए हैं । शिक्षकों के भाषिक चेत और लेखकीय समझ को विकसित करने के उद्देश्य से अकादमी शिक्षक प्रकोष्ठ के माध्यम से छात्रों एवं शिक्षकों के लिए कार्यशालाओं, संगोष्ठियों एवं परिचर्चाओं आदि का आयोजन भी करती है। हाल ही में अकादमी ने शिक्षकों के शोधपरक लेखों का संग्रह ‘प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में भारतीय भाषाओं के समक्ष चुनौतियाँ’ का नि:शुल्क प्रकाशन भी किया है । इस समय दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में शिक्षक प्रकोष्ठ सक्रिय रूप से कार्य कर रही है ।
4. अकादमी विभिन्न सरकारी संस्थाओं जैसे इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, केंद्रीय हिन्दी निदेशालय, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, हिन्दी आकदमी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड आदि के साथ मिलकर भारतीय भाषाओं पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठियों, परिचर्चाओं, कार्यशालाओं आदि का आयोजन करती आ रही है ।
5. देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन जैसे देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में भी अकादमी भाषाओं पर केंद्रित परिचर्चाओं का आयोजन कर चुकी है ।
6. अकादमी भारत स्थित विदेशी दूतावासों के राजदूतों एवं राजनयिकों से शिष्टाचार भेंट करके भाषा और संस्कृति के माध्यम से मित्र राष्ट्रों के बीच आपसी सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाने का कार्य कर रही है ।
7. अकादमी अपने वार्षिक आयोजन:- ‘काव्य प्रतिभा खोज’, ‘काव्यप्रतिभा सम्मान’ एवं नि:शुल्क पुस्तक प्रकाशन, ‘हिन्दुस्तानी भाषा समीक्षा सम्मान’ एवं नि:शुल्क पुस्तक प्रकाशन आदि के माध्यम से युवा लेखकों एवं नवांकुर साहित्कारों को स्तरीय मंच देने का कार्य भी करती आ रही है ।
8. अकादमी अपने महत्त्वपूर्ण वार्षिक आयोजन ‘मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह’ के माध्यम से भारतीय भाषाओं के मेधावी छात्रों एवं उनके शिक्षकों को सम्मानित करती आ रही है । इस सम्मान समारोह में 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में भारतीय भाषाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को ‘भाषा दूत सम्मान’, शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को ‘भाषा रत्न सम्मान’ एवं उनको पढ़ाने वाले भाषा शिक्षकों को ‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ से सम्मनित किया जाता है । इस भव्य सम्मान समारोह के प्रथम वर्ष दिल्ली प्रदेश के 250 छात्रों को, द्वितीय वर्ष 2500 छात्रों को, तृतीय वर्ष 3500 छात्रों को सम्मानित किया गया था । इसी तरह गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी इस सम्मान समारोह को आयोजित किया जाता है । कोरोना काल में इस वर्ष दिल्ली एवं गुरुग्राम के आठ भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, तेलुगु और सिंधी) के लगभग 5500 मेधावी छात्रों को डिजिटल माध्यम से सम्मानित किया गया, तो वहीं 350 शिक्षकों को एक भव्य समारोह में सम्मनित किया गया ।
9. ‘इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र’ एवं ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘भारतीय भाषा दिवस’ के उपलक्ष्य में बुधवार, 6 दिसम्बर, 2023 को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में ‘भारतीय भाषा उत्सव’ के अंतर्गत दिल्ली एवं गुरुग्राम के प्रतिष्ठित 268 विद्यालयों 8166 मेधावी छात्रों को ‘भाषा दूत सम्मान’, शत प्रतिशत (100%) अंक प्राप्त करने वाले 145 मेधावी छात्रों को ‘भाषा रत्न सम्मान’ एवं 9 भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, सिन्धी और उर्दू) के 742 भाषा शिक्षकों को ‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित किया गया । सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राष्ट्रपति माननीय राम नाथ कोविन्द जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी की गरिमामयी उपस्थित थी । विशिष्ट अतिथियों के रूप में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानन्द जोशी जी, डॉ. अजीत कुमार जी, एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक मंचासीन थे । कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली नगर निगम के उपाध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, विशिष्ट अतिथियों के रूप में शिक्षाविद एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नंदा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश नाथ झा, राजभाषा, गृह मंत्रालय के उप संपादक डॉ. धनेश द्विवेदी, डॉ. जीतराम भट्ट, निदेशक, डा.गो.गि.ला.शा प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, दिल्ली, श्री अनिल जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल उपस्थित थे ।
10. अकादमी स्तरीय साहित्यिक पुस्तकों का एवं भाषा पर केंद्रित पुस्तकों का प्रकाशन भी करती है । तालाबंदी के अवधि में अकादमी ने भारतीय भाषाओं पर केंद्रित तीन सन्दर्भ पुस्तकों –
- क)भाषा-गत-अनागत (भारतीय भाषाओं पर केंद्रित साक्षात्कार का संग्रह)
- ख)हिन्दी: विमर्श के विविध आयाम (हिन्दी भाषा पर केंद्रित लेखों का संग्रह)
- ग) भारतीय भाषाएँ : चिंता से चिंतन तक (भारतीय भाषाओं पर केंद्रित लेखों का संग्रह) का प्रकाशन भी किया है जिसे शोधार्थियों, पत्रकारों, साहित्यकारों एवं भाषा सेवी संस्थाओं द्वारा सराहा जा रहा है ।
भारतीय भाषाओं का संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार करना ही ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ का दृढ संकल्प है । इसके साथ ही अकादमी भारतीय संस्कृति, साहित्य और लोक कलाओं के संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है ।